Insurance Coverage Meaning in Hindi

इंश्योरेंस कवरेज जोखिम या दायित्व की राशि है जो किसी व्यक्ति या संस्था के लिए इन्सुरन्स कंपनियों के माध्यम से कवर की जाती है। इंश्योरेंस कवरेज पालिसी होल्डर्स को अप्रत्याशित घटनाओं से आर्थिक रूप से उबरने में मदद करता है।बीमा कवरेज के बदले में, बीमित व्यक्ति बीमा कंपनी को प्रीमियम का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होता है।

Third Party Insurance Meaning in Hindi

यह एक प्रकार का बीमा कवर है जहां बीमाकर्ता तीसरे पक्ष की व्यक्तिगत संपत्ति को नुकसान और शारीरिक चोट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। पॉलिसी बीमाकर्ता को कोई कवरेज प्रदान नहीं करती है।

यदि किसी पॉलिसीधारक की दुर्घटना हो जाती है, तो इंश्योरेंस कंपनी तीसरे पक्ष की संपत्ति की मरम्मत की लागत का भुगतान करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इस प्रकार, यह पॉलिसीहोल्डर के लिए वित्तीय बोझ को कम करता है। दुर्घटना की स्थिति में, बीमाधारक को इंश्योरेंस क्लेम करने से पहले बीमा कंपनी को इसके बारे में तुरंत सूचित करना चाहिए।

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जब दावा दायर किया जाता है, तो इंश्योरेंस कंपनी नुकसान का आंकलन करने और मरम्मत की अनुमानित लागत को सत्यापित करने के लिए एक सर्वेयर नियुक्त करता है। एक बार सत्यापन पूरा हो जाने के बाद, इंश्योरेंस कंपनी क्लेम प्रोसेस करता है।

Claim Settled Meaning in Hindi

Claim Settled Meaning in Hindi (प्रक्रिया)

इंश्योरेंस क्लेम आपके द्वारा खरीदी गई बीमा पॉलिसी के विरुद्ध बीमाकर्ता का समर्थन प्राप्त करने में आपकी सहायता करता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने जनरल लायबिलिटी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी है, तो आप बीमाकर्ता के पास पॉलिसी के खिलाफ दावा दायर कर सकते है। दुर्घटनाएं और जीवन की अनिश्चितताओं जैसे अप्रत्याशित खर्च अत्यधिक आर्थिक संकट का कारण बन सकते हैं। बीमा क्लेम ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में राहत प्रदान कर सकता है। इंश्योरेंस क्लेम आपके नुकसान को कवर करते हैं, आय प्रतिस्थापन के रूप में कार्य कर सकते हैं|

इंश्योरेंस क्लेम के प्रोसेसिंग में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

  • जब कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती है, तो घटना की सूचना आपके बीमा प्रदाता को दी जानी चाहिए।
  • इंश्योरेंस क्लेम करने में इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट या शाखा कार्यालय पर दावा प्रपत्र भरना पड़ता है।
  • दावे की वास्तविकता का समर्थन करने वाले दस्तावेज भी प्रस्तुत किए जाने चाहिए।
  • फिर इंश्योरेंस कंपनी दावे को वेलिडेट करते हुए क्लेम की समीक्षा करता है।
  • यदि यह आपकी पॉलिसी में बताए गए नियमों और शर्तों को पूरा करता है, तो इंश्योरेंस कंपनी दावे को मंजूरी देता है
  • स्वीकृत हो जाने के बाद, इंश्योरेंस कंपनी आपके पॉलिसी दस्तावेज़ में निर्दिष्ट लाभों का भुगतान करती है।
  • बीमाकर्ता अपफ्रंटअग्रिम राशि प्रदान कर सकता है या यह आपकी पॉलिसी की शर्तों के आधार पर नियमित भुगतान के रूप में भुगतान को अलग-अलग कर सकता है।

बीमाकर्ताओं को बीमित राशि को सत्यापित करने और भुगतान करने में लगने वाला समय केस तो केस पर निर्भर करता है। यदि दस्तावेज़ क्रम में हैं, तो क्लेम निपटान में कुछ ही दिन लगते हैं। हालांकि, जब आप बीमा खरीदते हैं, तो आपको अपने इंश्योरेंस कंपनी को साड़ी जरुरी बातों का खुलासा करना चाहिए। यदि आप किसी तथ्य को छुपाते हैं या गलत बताते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी आपकी पॉलिसी पर दावों को अस्वीकार कर सकता है।

क्लेम रिजेक्शन से कैसे बचें

उन्ही कंपनियों से बिमा लें जिनकी क्लेम सेटलमेंट रेश्यो अच्छी है| घटना के फौरन बाद ही अपना क्लेम फाइल करेंगे तो बेहतर रहेगा| ज्यादातर कंपनी आपको 7 दिन से 30 दिन तक का समय देती हैं. इस बीच क्लेम जरूर फाइल कर दें| सही तरीके से क्लेम करें और सारे डाक्यूमेंट्स को जमा करें जो की आपके बातों को इंश्योरेंस कंपनी के सामने प्रूफ कर सके। इसीलिए बिज़नेस इंश्योरेंस बीमाकवच से ही लें। बीमाकवच आपके क्लेम अप्लाई कराने और रिजेक्टेड क्लेम दिलाने में आपकी मदद करता है| यहाँ पर बेस्ट बिज़नेस इंश्योरेंस रिकमेन्डेशन मिलेंगे केवल 5 मिनटों में| आशा करते हैं की को आपको इंश्योरेंस क्लेम (claims in Hindi) से जुड़ी बातों का पता चल गया होगा|