हेलो दोस्तों, अगर आप एक कंपनी के मालिक है और आपके यहाँ भी वर्कर्स काम कर रहे हैं तो ये ब्लॉग आपको काफी लाभदायक होगा। आपको जानकार यह ख़ुशी होगी के वर्कर्स कंपनसेशन पालिसी जो की एक कमर्शियल पालिसी है आपको काफी रहत दे सकती है |अपने वर्कर्स के भविस्य को सुरक्षित करने के लिए आपको चाहिए– Workers Compensation Insurance Policy.

आइये जानते हैं क्या है ये वर्कर्स कंपनसेशन इन्शुरन्स पालिसी

अगर काम करते वक़्त किसी एम्प्लोयी या वर्कर की किसी दुर्घटना में मौत हो जाती है, तो WC Policy उन्हें कंपनसेशन प्रदान करती है| ESIC 1948 के तहत सारे एम्प्लॉयर्स जिनके यहाँ 20 से ज्यादा वर्कर्स हैं उन्हें वर्कर्स कंपनसेशन पालिसी लेनी चाहिए| यह उन सभी कर्मचारियों को कवरेज प्रदान करता है जो कंस्ट्रक्शन साइट्स, कारखानों, माइंस आदि जैसे स्थानों में काम से संबंधित दुर्घटनाओं के कारण घायल या विकलांग हो जाते हैं| यह बिमा पालिसी वर्कर्स के लिए बहुत जरुरी है क्यूंकि दुर्घटना होने पर उनके फैमिलीज़ को इसके जरिये फाइनेंसियल सपोर्ट मिलता है| वर्कर्स के लिए कंपनसेशन अमाउंट - वर्कर्स को कितनी चोट लगी है, वर्कर्स की मासिक मजदूरी क्या है और अन्य कारणों के आधार पर निर्धारित की जाती है|

1923 में वर्कर्स कंपनसेशन इन्शुरन्स पालिसी की शुरुआत हुई थी|1 July 1928 से ये इन्शुरन्स पालिसी लागू हुआ और कुछ ही वक़्त में ये पूरे भारत में फैल गया|

WC Policy के क्लेम्स

WC Policy के तहत क्लेम्स 4 प्रकार के सिचुएशन से जुड़े हो सकते हैं - आकस्मिक मृत्यु, स्थायी कुल विकलांगता, स्थायी आंशिक विकलांगता और अस्थायी कुल विकलांगता.

ESIC full form in Hindi

ESI ka full form - एम्प्लोयी स्टेट इन्शुरन्स स्कीम है| ESIC ( कर्मचारियों की राज्य बीमा योजना ) एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा योजना है जो कर्मचारियों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है| यह योजना विभिन्न लाभ प्रदान करती है जैसे कि मेडिकल केयर, सिकनेस बेनिफिट्स और मैटरनिटी बेनिफिट्स

वर्कमेन कंपनसेशन इन्शुरन्स के लिए कैसे अप्लाई करें

आप BimaKavach के वेबसाइट पे पा सकते हैं बेस्ट रेकमेंडेशन्स वो भी इन्शुरन्स एक्सपर्ट्स की मदद के साथ| सिर्फ आपको 6-8 आसान सावलों के जवाब देने होंगे और हमारे एक्सपर्ट्स आपको सही कमर्शियल इन्शुरन्स प्रोडक्ट लेने में मदद करेंगे|

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वर्कमेन कंपनसेशनइन्शुरन्स बिज़नेस ओनर के लिए क्यों जरुरी है

· 100% कंपनसेशनबिज़नेस एक्सपेंस के रूप मेंक्लेम की जा सकतीहै

· कंपनीका टैक्सेबल इनकम भी कमहो जाता है

· इससिचुएशन में एम्प्लोयी कीलॉयल्टी कंपनी के प्रति बढ़तीहै

· आपआने वाले एम्प्लोयी कंपनसेशनडेथ या इंजरीज रिलेटेडप्रॉबलम्स से अपने आपको बचा सकते हैं

वर्कमेन कंपनसेशन इन्शुरन्स में वर्कर्स के लिए क्या कवर्ड होता है

1. मेडिकल एक्सपेंसेस

काम करती वक़्त यदि कोई चोट या बीमारी हो जाये तो यह इन्शुरन्स पालिसी कवरेज प्रदान करती है| इसमें अस्पताल में भर्ती शुल्क, डॉक्टर की फीस, मेडिकल टेस्ट्स, दवाएं, शल्य चिकित्सा प्रक्रियाएं और अन्य आवश्यक चिकित्सा सेवाएं शामिल हैं| यह पुनर्वास खर्चों (Rehabilitation Expenses) को भी कवर कर सकता है जैसे कि मेडिकल एक्सपेंस, वोकेशनल ट्रेनिंण, और एम्प्लोयी रिकवरी के लिए आवश्यक अन्य सहायता |

2. ऑक्यूपेशनल डिसीसेस कवरेज

यह पालिसी ऑक्यूपेशनल डिसीसेस को कवर करता है जो की वर्कमेन कंपनसेशन एक्ट के अंदर आते हैं | यहाँ पर एम्प्लोयी को यह सुनिश्चित करना होगा की यह बीमारी एम्प्लॉयर्स के वर्क एनवायरनमेंट के कारण हुई है| हॉस्पिटल एक्सपेंस, डॉक्टर की फीस, परीक्षण, दवाएं, सर्जरी और अन्य आवश्यक चिकित्सा सेवाएं का खर्च भी कवर हो सकती हैं|

3. लीगल एक्सपेंसेस कवर

अगर कोई वर्कर के साथ दुर्घटना हो जाती है और वो कोर्ट में केस कर देता है तब एम्प्लायर का जो लीगल एक्सपेंस जैसे की कोर्ट सेटलमेंट एक्सपेंस, लॉयर एक्सपेंस आएगा वो यह पालिसी कवर करती है|

4. फिजिकल इंजरी कवर

काम करते वक़्त अगर वर्कर को कोई इंजरी हो जाती है, तो उसका खर्च कवर्ड है| अगर वर्कर की मृत्यु हो जाती है तब उसके परिवार को कंपनसेशन के रूप से मुआवजा मिलता है| वर्कर के ट्रीटमेंट के लिए किये गए मेडिकल खर्च कवर होते हैं जैसे कि - डॉक्टर फीस, हॉस्पिटल एक्सपेंस, डायग्नोस्टिक टेस्ट्स, सर्जरीज़, आदि |

5. डेथ और डिसेबिलिटी कवर

मरने वाले के नॉमिनी को इस इन्शुरन्स कवरेज के तहत मुआवज़ा दिया जाता है| डिसएबिलिटी के केस में जहाँ तक डिसेबिलिटी से नुकसान हुआ होता है वहां तक इन्शुरन्स कवरेज दी जाती है|

वर्कमेन कंपनसेशन इन्शुरन्स में क्या कवर्ड नहीं होता है (Exclusions)

· वो एक्सीडेंट जो फैक्ट्री या काम करने के लोकेशन पे नहीं हुए हो

· इंजरीज जो साधारण हो

· जिन इंजरीज से तीन दिन से ज्यादा डिसेबिलिटी नहीं हुई हो

· अगर डिसेबिलिटी 28 दिनो से कम है

· एम्प्लोयी कि इंजरी किसी फॉरेन अटैक से हुई हो

· अगर वो एम्प्लोयी वर्कर्स कंपनसेशन इन्शुरन्स के अंदर कवर्ड नहीं है

· अगर एम्प्लोयी को चोट या डिसेबिलिटी ड्रग के नशे में रहते वक़्त हुई

· एम्प्लाइज का कॉन्ट्रैक्टर्सपे लिएबिलिटीज़ चार्जेज लगे हैं

· कुछ ऐसी बीमारियां हैंजो कि वर्कमेन कंपनसेशन एक्ट 1923 के पार्ट C में मेंशनएड है